Powered By Blogger

Thursday, June 1, 2017

कली और फूल

सोचता हूँ कि कुछ लिखूं
कि मन में आ गया 
पिछवाड़े लगाया हुआ पौधा
अभी आयी नहीं है उसमें कली
सोचता हूँ
कली और फूल में
सुंदर कौन है
इस पर
मेरे ह्रदय का कवि
मौन है ।
(अप्रमेय)

No comments:

Post a Comment