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Monday, October 26, 2015

इतिहास !

रात है या गुलदस्ता....
याद !
जिंदगी है या मंच....
नाटक !
आदमी है या हथियार...
क़त्ल !
ईश्वर है या समाचार..
स्वप्न !
सवाल है या जवाब...
इतिहास !
(अप्रमेय)

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