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Thursday, March 26, 2020

कोरोना 1

कोरोना-1
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एक गिलहरी जो 
मेरे अमरूद के वृक्ष पर अकसर
दिखती थी वह इधर कुछ दिनों से
नजर नहीं आ रही,

गिलहरी से दो बड़ी स्मृतियां जुड़ी हैं मेरी
पहली मेरे बचपन की और
दूसरी रामकथा की,

इधर तीसरी बात जो स्मृति नहीं है
जिसे आशंका कहना ठीक होगा
उसने कील से
महा त्रासदी के दरवाजे पर
नेमप्लेट की तरह ठोंक कर
टांग दिया है मुझे जिसके
पते पर लिखा है-

"गिलहरी और चमगादड़
चमगादड़ और कोरोना
कोरोना और चीन
चीन और भारत
भारत और मनुष्य
मनुष्य और मनुष्यता !"

एक छोटा बच्चा दूर से
दौड़ता आता हुआ
रुक जाता है उस नेमप्लेट के पास
जैसे दूर आकाश में कोई बादल
रुका हुआ सा धीरे धीरे
सांझ होते-होते खो जाता है।
(अप्रमेय)

Monday, March 2, 2020

कविता

पुकार
यहां हूँ और
चुप्पी,
ये तीन शब्द
महाकव्य हैं
मेरे लिए
क्योंकि
बचपन पुकारने में
जवानी बताने में
और चुप्पी
अब जीवन की
अंतिम कहानी
होती जा रही है।
(अप्रमेय)