शाम लौट आने के लिए
या होती है किसी की याद में
उलझ जाने के लिए
चाय की चुस्की एक चुप्पी को
घोट लेती है हर शाम
मैंने सुबह से ज्यादा हर शाम
चिड़ियों को ज्यादा
चहचहाते या कहें चिल्लाते पाया है
चिड़ियों का घर नहीं
घौंसला हुआ करता है
वैसे ही खाना नहीं
दाना हुआ करता है
हम शाम बिताने के बाद
सुबह की योजना बनाते हैं
वैसे ही चिड़ियों के लिए
योजना के समानांतर कोई
शब्द अबतक गढ़ा क्या ?
(अप्रमेय)
या होती है किसी की याद में
उलझ जाने के लिए
चाय की चुस्की एक चुप्पी को
घोट लेती है हर शाम
मैंने सुबह से ज्यादा हर शाम
चिड़ियों को ज्यादा
चहचहाते या कहें चिल्लाते पाया है
चिड़ियों का घर नहीं
घौंसला हुआ करता है
वैसे ही खाना नहीं
दाना हुआ करता है
हम शाम बिताने के बाद
सुबह की योजना बनाते हैं
वैसे ही चिड़ियों के लिए
योजना के समानांतर कोई
शब्द अबतक गढ़ा क्या ?
(अप्रमेय)
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