कथा जब-जब लिखी जाएगी
किसी की अपूर्ण व्यथा कही जाएगी
झूठ हैं शब्द
मानोगे इसे एक दिन
भरेगी आँख जब आँसू से
किसी शब्द को भीगा न सकोगे तुम,
हम रहे न रहे
जिंदगी को कभी
पन्नों पर उतार न सकोगे तुम ।
किसी की अपूर्ण व्यथा कही जाएगी
झूठ हैं शब्द
मानोगे इसे एक दिन
भरेगी आँख जब आँसू से
किसी शब्द को भीगा न सकोगे तुम,
हम रहे न रहे
जिंदगी को कभी
पन्नों पर उतार न सकोगे तुम ।
No comments:
Post a Comment