दोपहर के बाद
शाम होने के बाद
वो कहते हैं रात हो गई
रात हो गई होती है,
जैसे हो जाती है सुबह
रात हो जाने के बाद ,
तुम्हारे हो जाने के बाद
वे तुम्हारे सामने
दोहराते हैं बार-बार एक नाम
तुम हो जाते हो नाम
हो जाना जरूरी है
ये तुम नहीं वे सब कहते हैं
जो हो गए हैं एक नाम ,
वे कहते हैं गांघी था एक नाम
वे कहते हैं भगत था एक नाम
वे कहते हैं भारत है एक नाम
जिसकी आकृति
खींची होगी कभी किसी चित्रकार ने
अपना चूल्हा जलाने के लिए ,
शाम के ढलने के बाद
रात होने के पहले,
धीरे-धीरे मरने के पहले
मैं लौटा देना चाहता हूँ
अपना नाम
यह देश जिसे बताया गया मेरा देश
उसे तुम्हे ही मुबारक कर
मैं जी लेना चाहता हूँ
एक शाम |
( अप्रमेय)
शाम होने के बाद
वो कहते हैं रात हो गई
रात हो गई होती है,
जैसे हो जाती है सुबह
रात हो जाने के बाद ,
तुम्हारे हो जाने के बाद
वे तुम्हारे सामने
दोहराते हैं बार-बार एक नाम
तुम हो जाते हो नाम
हो जाना जरूरी है
ये तुम नहीं वे सब कहते हैं
जो हो गए हैं एक नाम ,
वे कहते हैं गांघी था एक नाम
वे कहते हैं भगत था एक नाम
वे कहते हैं भारत है एक नाम
जिसकी आकृति
खींची होगी कभी किसी चित्रकार ने
अपना चूल्हा जलाने के लिए ,
शाम के ढलने के बाद
रात होने के पहले,
धीरे-धीरे मरने के पहले
मैं लौटा देना चाहता हूँ
अपना नाम
यह देश जिसे बताया गया मेरा देश
उसे तुम्हे ही मुबारक कर
मैं जी लेना चाहता हूँ
एक शाम |
( अप्रमेय)
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