खिला हुआ गुलाब
मेरी बालकनी में
पूछता है मुझसे सवाल
मैं तो आ गया तुम्हारे लिए
और अब जाने को भी हूँ तैयार
तुमने सोचा कभी
कि तुम कब आओगे
मेरे द्वार ।
(अप्रमेय )
मेरी बालकनी में
पूछता है मुझसे सवाल
मैं तो आ गया तुम्हारे लिए
और अब जाने को भी हूँ तैयार
तुमने सोचा कभी
कि तुम कब आओगे
मेरे द्वार ।
(अप्रमेय )
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