सोहम बानी
Monday, April 23, 2018
कब्र
रूह कांपती है
सहारा नहीं मिलता
कोई नास्तिक फिर
दुआ बन के टकराता है
और मेरी शंका की कब्र
खोद डालता है….
(अप्रमेय)
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