मैंने पढ़ा एक शब्द अलाव फिर अचानक एक शब्द आलाप जाग उठा अंदर अंतस में मैंने कविता के दरवाजे को खटखटाया और उसने लय में इन दोनों शब्द की आत्मा ठंड में ठिठुरते किसी बेसहारा की कंपकपाती आवाज में सुनाया। (अप्रमेय)
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