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Sunday, December 22, 2013

नया वर्ष

तुम्हे मनाना है यदि नया वर्ष
तो तुम्हे भुलाना पड़ेगा 
पिता की आँखों पर
लगा हुआ मोटा चश्मा
माँ के चहरे पर
सिमटी हुई झुर्रिया
तुम्हे भुलाना होगा
आँगन के फूटे पत्थर
टप-टप गिरता
बाथरूम के टोटी का बूंदयोग,
तुम्हे मनाना है यदि नया वर्ष
तो तुम्हे बचाना ही होगा
अपना जेब-खर्च
रास्तो पर थरथराये
माँगते हाथो में उनकी किस्मत
का बनना होगा मूक दर्शक,
तुम्हे मनाना है यदि नया वर्ष
तो तुम्हे खींचनी ही पड़ेंगी
भविष्य की चोटी और 
अतीत की खाई
वह कौन थें जिन्हे तुम
पकड़ न सकें गिरते वक्त
और वह कौन होंगे
जिनकी कमीज पकड़ कर
तुम चढ़ोगे ऊपर ,
इसके बावजूद
न भूलते हुए भी
यदि तुम मनाने चले हो नया वर्ष
तो मेरी तरफ से तुमको
बधाई।
( अप्रमेय )



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