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Monday, December 30, 2013

पाती-२

उस दिन दस का नोट गिरा हुआ मिला था उसे। ठीक थोड़े दूर आगे बढ़ने पर एक बच्चा सड़क पर भीख माँगते उसके सामने आ गया। अभी वह तय नहीं कर पाया था की इन दस रुपयों का वह क्या करेगा पर शायद उस चौराहे और उस लड़के तथा जेब में पड़ा दस रुपये के नोट ने उसे तत्काल निर्णय लेने के लिए मजबूर किया। चाय पी लेने के बाद भी पाँच रुपये बचे थे उसके पास जिसे उसने टाल दिया था इस ख्याल के साथ की कल फिर मैं जब इस रास्ते से गुजरूंगा तो कुछ पैसा दे दूंगा। इनका काम ही है सड़कों पर भीख मांगना।पता नहीं क्यों पूरी रात उस भीख मांगने वाले लड़के का चेहरा उसकी आँखों के सामने घूमता रहा।दो दिन बीत जाने के बाद जब वह उस रास्ते से गुजर रहा था तो वह भिखारी बच्चा उसे नहीं दिखा।अगले दिन फिर वह नहीं दिखा। साल भर बीत जाने के बाद एक पागल बच्चे की लाश पर तमाम लोंग खड़े होकर कई तरह की बात कर रहे थे कि इसकी माँ दवा के अभाव में मर गयी। सुनते हैं की भीख मांग-मांग कर ये अपनी माँ की दवाइयाँ खरीदता था। माँ के मर जाने के बाद ये पागल हो गया और जरा इसका नसीब देखिये कि किसी पागल कुत्ते के काटने के कारण इसकी आज इतनी दर्दनाक मौत हो गयी। उसके लाश की जेब से कुछ चमकती हुई दवाईंयों का टुकड़ा लोंगो से अपनी आँख को चुराता आकाश से कुछ बातें कर लेना चाह रहा था।
( अप्रमेय )


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