उसे महज
जिन्दा रहना है
अपनी स्वांसों के खिलाफ
कपकपाये पैरों के
घुटनों के खिलाफ
उसे जिन्दा रहना है
जिन्दा रहने के खिलाफ
अपने ही पीठ को ढोते
छाती के हड्डियों में
घुसपैठ किये
ठण्ड के खिलाफ
अपनी ही आवाज़ के खिलाफ
जो भाषा के स्तर पर
इस अधेड़ उम्र में
गाली की तरह निकलती है
और कहीं से
ला नहीं पाती अनाज
वह जिन्दा है सुई की तरह
बीचो-बीच
भुत ,भविष्य की घडी में कसा
बीतता हुआ
बीतने के खिलाफ
वह महज
जिन्दा है
और इसीलिए
आज दो जून के बाद
उसे कभी कहीं से
मिल जाती है खुराक
जो उसे जिलाती रहती है
धूप से आती
अपनी ही परछाई के खिलाफ
मैं सोचता हूँ
मैं किस आर. टी. आई.
के दफ्तर में जाऊं
और इसके इल्जाम
का पता लगाऊं।
(अप्रमेय )
जिन्दा रहना है
अपनी स्वांसों के खिलाफ
कपकपाये पैरों के
घुटनों के खिलाफ
उसे जिन्दा रहना है
जिन्दा रहने के खिलाफ
अपने ही पीठ को ढोते
छाती के हड्डियों में
घुसपैठ किये
ठण्ड के खिलाफ
अपनी ही आवाज़ के खिलाफ
जो भाषा के स्तर पर
इस अधेड़ उम्र में
गाली की तरह निकलती है
और कहीं से
ला नहीं पाती अनाज
वह जिन्दा है सुई की तरह
बीचो-बीच
भुत ,भविष्य की घडी में कसा
बीतता हुआ
बीतने के खिलाफ
वह महज
जिन्दा है
और इसीलिए
आज दो जून के बाद
उसे कभी कहीं से
मिल जाती है खुराक
जो उसे जिलाती रहती है
धूप से आती
अपनी ही परछाई के खिलाफ
मैं सोचता हूँ
मैं किस आर. टी. आई.
के दफ्तर में जाऊं
और इसके इल्जाम
का पता लगाऊं।
(अप्रमेय )
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