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Monday, March 10, 2014

कविता

मेरी नजर में कविता 
रोते हुए बच्चे को 
चुप कराने की विधि हो सकती है 
गर्मी में छाव 
दुल्हन के लिए श्रृंगार 
दुल्हे के लिए 
अपनी साथी का संकल्प 
हो सकती है ,
कविता पन्नो पर लिखी 
तुकबंदी नहीं 
बल्कि 
चिड़ियों की उड़ान 
चूहों का बिल खोदना 
घर में बिखरे अखबार को 
तह कर अलमीरा में रखना
परदेश जाते वक्त बड़ो का 
चरण छूना हो सकती है,
कविता महज 
पेड़ों को देखना हो सकती है 
गुलाब-बेला को छूते वक्त 
हातों का इत्मीनान हो सकती है,
कविता किसी बुजुर्ग के लिए 
खटिया बिछा देना 
उसका परखत माज देना 
रात और दिन में भी 
उसके बिस्तरे के पास 
लोटा भर के पानी रख देना हो सकती है 
और जब वह कुछ बोलें 
बिना जवाब दिए 
उनको सुनना हो सकती है,
कविता चाय बनाना 
खाने के बाद पानी पीना 
और दांत मांजने के बाद 
जिब्भी से जीभ छीलना हो सकती है,
आप जो भी तर्क दे कविता के लिए 
पर मेरी नजर में 
चुप-चाप हाथों में कलम लिए 
आकाश को निहारते 
कही गुम हो जाना भी 
कविता हो सकती है। 
(अप्रमेय )

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