बच्चा अपने बाप को
आशान्वित होकर देखता है
और थोड़ा बड़ा होता है,
थोड़ा जब और बड़ा होता है
देश को देख कर आशान्वित होता है,
फिर थोड़ा और बड़ा हो जाता है
भगवान को बिना देखे
आशान्वित होता है
संकट यहीं से
फिर शुरू हो जाता है।
(अप्रमेय)
आशान्वित होकर देखता है
और थोड़ा बड़ा होता है,
थोड़ा जब और बड़ा होता है
देश को देख कर आशान्वित होता है,
फिर थोड़ा और बड़ा हो जाता है
भगवान को बिना देखे
आशान्वित होता है
संकट यहीं से
फिर शुरू हो जाता है।
(अप्रमेय)
No comments:
Post a Comment