सब कुछ तय था सिवाय इसके कि मैं तुम्हें प्यार करूँ. पर मैंने दुनियावी शास्त्र के विरुद्ध तुमसे प्यार किया और जीते हुए अपने अस्तित्व को खत्म कर डाला | (अप्रमेय)
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